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Friday, July 11, 2025

ધોરણ 8 વિજ્ઞાન અને ટેકનોલોજી

Tuesday, October 15, 2024

ELSS Tax Saver Mutual Fund




 Double Return : 
इन 5 टैक्स सेवर म्यूचुअल फंड ने 36 महीने में पैसे किया डबल, SIP करने पर 28 से 39% सालाना रिटर्न
SIP High Return : म्यूचुअल फंड की एक मात्र कटेगिरी ELSS ऐसी है, जहां आप निवेश करते हैं तो आपका पैसा कम से कम 3 साल के लिए लॉक हो जाता है. यानी 3 साल पहले आप अपना निवेश नहीं निकाल सकते हैं.
Mutual Fund : ईएलएसएस में यह जरूरी नहीं है कि 3 साल बाद अपना पैसा निकाल लेना है. आप जब तक चाहें, अपना निवेश जारी रख सकते हैं.
SIP Return in ELSS : म्यूचुअल फंड की एक मात्र कटेगिरी ऐसी है, जहां आप निवेश करते हैं तो आपका पैसा कम से कम 3 साल के लिए लॉक हो जाता है. यानी 3 साल पहले आप अपना निवेश नहीं निकाल सकते हैं. ऐसा इसलिए कि लंबी अवधि के लिए निवेश को बढ़ावा दिया जा सके. म्यूचुअल फंड की ये कटेगिरी इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) कहलाती है, जो टैक्स सेवर फंड भी हैं. यानी इनमें निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के जरिए आप टैक्स बेनेफिट भी ले सकते हैं. ELSS कटेगिरी की कुछ स्कीम ने अपने लॉक इन पीरियड में ही एकमुश्य निवेश करने वालों का पैसा डबल कर दिया है या करीब करीब डबल हो गया. वहीं इनमें SIP करने पर भी हाई रिटर्न मिल रहा है.   
म्यूचुअल फंड में इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) निवेश का एक ऐसा विकल्प है, जो टैक्‍स बचाने के साथ ही आपको हाई रिटर्न दे सकता है. ELSS में 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है, यानी इसे 36 महीने के पहले नहीं भुनाया जा सकता है. हालांकि यह जरूरी नहीं है कि 3 साल बाद अपना पैसा निकाल लेना है. इसे जब तक चाहें, दूसरी इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम की तरह जारी रख सकते हैं. ELSS यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्‍कीम के तहत निवेशकों के फंड का बड़ा हिस्सा इक्विटी में निवेश किया जाता है. इसमें कम से कम 80 फीसदी एक्सपोजर इक्विटी में होता है. यह टेक्निकली 100 फीसदी तक हो सकता है. 
Motilal Oswal Fund
3 साल का लम्‍प सम रिटर्न : 20.7% सालाना
3 साल में 1 लाख निवेश की वैल्‍यू : 2,09,459 रुपये
3 साल में SIP का रिटर्न : 38.92% सालाना
मंथली SIP : 10,000 रुपये
3 साल में कुल निवेश : 3,60,000 रुपये 
3 साल में SIP की वैल्‍यू : 6,22,072 रुपये
इस फंड का लेटेस्‍ट AUM 4194.64 करोड़ रुपये है, जबकि एक्‍सपेंस रेश्‍यो 0.64 फीसदी है. बेंचमार्क Nifty 500 TRI है. इसकी टॉप होल्डिंग्‍स में Trent, Zomato, Kalyan Jewellers, Prestige Estates, Suzlon Energy, Inox Wind शामिल हैं. 
HDFC Fund 
3 साल का लम्‍प सम रिटर्न : 25.57% सालाना
3 साल में 1 लाख निवेश की वैल्‍यू : 1,98,108 रुपये
3 साल में SIP का रिटर्न : 28.67% सालाना
मंथली SIP : 10,000 रुपये
3 साल में कुल निवेश : 3,60,000 रुपये 
3 साल में SIP की वैल्‍यू : 5,43,731 रुपये
इस फंड का लेटेस्‍ट AUM 16761 करोड़ रुपये है, जबकि एक्‍सपेंस रेश्‍यो 1.08 फीसदी है. बेंचमार्क Nifty 500 TRI है. इसकी टॉप होल्डिंग्‍स में ICICI Bank, HDFC Bank, Axis Bank, HAL, Cipla और SBI शामिल हैं. 
SBI Fund
3 साल का लम्‍प सम रिटर्न : 24.03% सालाना
3 साल में 1 लाख निवेश की वैल्‍यू : 1,91,028 रुपये
3 साल में SIP का रिटर्न : 33.82% सालाना
मंथली SIP : 10,000 रुपये
3 साल में कुल निवेश : 3,60,000 रुपये 
3 साल में SIP की वैल्‍यू : 5,82,249 रुपये
इस फंड का लेटेस्‍ट AUM 28,733 करोड़ रुपये है, जबकि एक्‍सपेंस रेश्‍यो 0.93 फीसदी है. बेंचमार्क Nifty 500 TRI है. इसकी टॉप होल्डिंग्‍स में HDFC Bank, M&M, RIL, Bharti Airtel, ICICI Bank और Torrent Power शामिल हैं. 
SIP, Mutual Fund, SIP Return in ELSS, Tax saver Fund, Double Money, HDFC ELSS Tax Saver Fund, SBI Long Term Equity Fund, ईएलसएस, म्यूचुअल फंड, टैक्स सेवर फंड, एसआईपी रिटर्न
Mutual Fund : ईएलएसएस में यह जरूरी नहीं है कि 3 साल बाद अपना पैसा निकाल लेना है. आप जब तक चाहें, अपना निवेश जारी रख सकते हैं.
SIP Return in ELSS : म्यूचुअल फंड की एक मात्र कटेगिरी ऐसी है, जहां आप निवेश करते हैं तो आपका पैसा कम से कम 3 साल के लिए लॉक हो जाता है. यानी 3 साल पहले आप अपना निवेश नहीं निकाल सकते हैं. ऐसा इसलिए कि लंबी अवधि के लिए निवेश को बढ़ावा दिया जा सके. म्यूचुअल फंड की ये कटेगिरी इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) कहलाती है, जो टैक्स सेवर फंड भी हैं. यानी इनमें निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के जरिए आप टैक्स बेनेफिट भी ले सकते हैं. ELSS कटेगिरी की कुछ स्कीम ने अपने लॉक इन पीरियड में ही एकमुश्य निवेश करने वालों का पैसा डबल कर दिया है या करीब करीब डबल हो गया. वहीं इनमें SIP करने पर भी हाई रिटर्न मिल रहा है.   
NPS : रिटायरमेंट फंड में 50 लाख का हो सकता है नुकसान, पेंशन भी मिलेगी आधी, अगर एनपीएस में नहीं लिया ये विकल्प
म्यूचुअल फंड में इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) निवेश का एक ऐसा विकल्प है, जो टैक्‍स बचाने के साथ ही आपको हाई रिटर्न दे सकता है. ELSS में 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है, यानी इसे 36 महीने के पहले नहीं भुनाया जा सकता है. हालांकि यह जरूरी नहीं है कि 3 साल बाद अपना पैसा निकाल लेना है. इसे जब तक चाहें, दूसरी इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम की तरह जारी रख सकते हैं. ELSS यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्‍कीम के तहत निवेशकों के फंड का बड़ा हिस्सा इक्विटी में निवेश किया जाता है. इसमें कम से कम 80 फीसदी एक्सपोजर इक्विटी में होता है. यह टेक्निकली 100 फीसदी तक हो सकता है. 

SIP Power : SBI म्‍यूचुअल फंड की स्‍कीम का मैजिक, शुरू होने के बाद से 140 गुना बढ़ाई दौलत, SIP में 16% की दर से मिल रहा रिटर्न


Motilal Oswal Fund
3 साल का लम्‍प सम रिटर्न : 20.7% सालाना
3 साल में 1 लाख निवेश की वैल्‍यू : 2,09,459 रुपये

3 साल में SIP का रिटर्न : 38.92% सालाना
मंथली SIP : 10,000 रुपये
3 साल में कुल निवेश : 3,60,000 रुपये 
3 साल में SIP की वैल्‍यू : 6,22,072 रुपये


इस फंड का लेटेस्‍ट AUM 4194.64 करोड़ रुपये है, जबकि एक्‍सपेंस रेश्‍यो 0.64 फीसदी है. बेंचमार्क Nifty 500 TRI है. इसकी टॉप होल्डिंग्‍स में Trent, Zomato, Kalyan Jewellers, Prestige Estates, Suzlon Energy, Inox Wind शामिल हैं. 

Highest Return : 10 साल में पैसा 7 से 8 गुना करने वाले 5 म्यूचुअल फंड, 757% तक मिला एबसॉल्यूट रिटर्न, SIP में भी बने टॉपर

HDFC Fund 
3 साल का लम्‍प सम रिटर्न : 25.57% सालाना
3 साल में 1 लाख निवेश की वैल्‍यू : 1,98,108 रुपये

3 साल में SIP का रिटर्न : 28.67% सालाना
मंथली SIP : 10,000 रुपये
3 साल में कुल निवेश : 3,60,000 रुपये 
3 साल में SIP की वैल्‍यू : 5,43,731 रुपये

इस फंड का लेटेस्‍ट AUM 16761 करोड़ रुपये है, जबकि एक्‍सपेंस रेश्‍यो 1.08 फीसदी है. बेंचमार्क Nifty 500 TRI है. इसकी टॉप होल्डिंग्‍स में ICICI Bank, HDFC Bank, Axis Bank, HAL, Cipla और SBI शामिल हैं. 

SBI Long Term Fund
3 साल का लम्‍प सम रिटर्न : 24.03% सालाना
3 साल में 1 लाख निवेश की वैल्‍यू : 1,91,028 रुपये

3 साल में SIP का रिटर्न : 33.82% सालाना
मंथली SIP : 10,000 रुपये
3 साल में कुल निवेश : 3,60,000 रुपये 
3 साल में SIP की वैल्‍यू : 5,82,249 रुपये

इस फंड का लेटेस्‍ट AUM 28,733 करोड़ रुपये है, जबकि एक्‍सपेंस रेश्‍यो 0.93 फीसदी है. बेंचमार्क Nifty 500 TRI है. इसकी टॉप होल्डिंग्‍स में HDFC Bank, M&M, RIL, Bharti Airtel, ICICI Bank और Torrent Power शामिल हैं. 

Top SIP Return : HDFC MF की सुपर स्कीम, वन टाइम इन्वेस्टमेंट पर 195 गुना रिटर्न, 1000 रुपये की SIP से मिले 2 करोड़
SBI Long Term III 
3 साल का लम्‍प सम रिटर्न : 22.68% सालाना
3 साल में 1 लाख निवेश की वैल्‍यू : 1,84,638 रुपये
3 साल में SIP का रिटर्न : 28.08% सालाना
मंथली SIP : 10,000 रुपये
3 साल में कुल निवेश : 3,60,000 रुपये 
3 साल में SIP की वैल्‍यू : 5,39,396 रुपये
इस फंड का लेटेस्‍ट AUM 81 करोड़ रुपये है, जबकि एक्‍सपेंस रेश्‍यो 0.97 फीसदी है. बेंचमार्क Nifty 500 TRI है. इसकी टॉप होल्डिंग्‍स में Zomato, RIL, Energy & Utilities, HDFC Bank, Tube Investments और Balrampur Mills शामिल हैं. 
Sundaram Long Term Series III
3 साल का लम्‍प सम रिटर्न : 22.30% सालाना
3 साल में 1 लाख निवेश की वैल्‍यू : 1,82,928 रुपये
3 साल में SIP का रिटर्न : 27.37% सालाना
मंथली SIP : 10,000 रुपये
3 साल में कुल निवेश : 3,60,000 रुपये 
3 साल में SIP की वैल्‍यू : 5,34,306 रुपये
इस फंड का लेटेस्‍ट AUM 39 करोड़ रुपये है, जबकि एक्‍सपेंस रेश्‍यो 1.37 फीसदी है. बेंचमार्क Nifty 500 TRI है. इसकी टॉप होल्डिंग्‍स में MCX, KEI, Safari, Greenpanel Ind, KSB शामिल हैं. 
(source : fact sheets, value research)


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किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले फंड का चयन बहुत महत्वपूर्ण है।

Wednesday, July 3, 2024

जानें म्यूचुअल फंड में निवेश की क्या होनी चाहिए रणनीति

 Sensex पहली बार 80,000 अंक के पार, 

जानें म्यूचुअल फंड में निवेश की क्या होनी चाहिए रणनीति

म्यूचुअल फंड में निवेश की रणनीति, किसी स्टॉक में सीधे निवेश करने से अलग होती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिन लॉन्ग-टर्म निवेशकों के पास अच्छी तरह से डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो हैं और जो SIP के जरिए लंबी-अवधि के लिए मंथली निवेश करते हैं, उन्हें निवेश जारी रखना चाहिए

Sensex Crosses 80000: बीएसई सेंसेक्स ने बुधवार 3

जुलाई को कारोबार के दौरान पहली बार 80,000 के पार चला गया। इससे पहले सेंसेक्स ने 11 दिसंबर 2023 को पहली बार 70,000 का आंकड़ा पार किया था। इंडेक्स को 10,000 अंकों की छलांग लगाने में महज 7 महीने का वक्त लगा। रिसर्च, टेक्निकल और डेरिवेटिव के हेड समीत चव्हाण ने कहा, "बेंचमार्क इंडेक्स रिकॉर्ड ऊंचाई पर खुला, लेकिन बाद में इसमें कुछ करेक्शन आया। हालांकि, बुल्स ने मामूली रिकवरी की और पूरे कारोबार के दौरान रस्साकशी जारी रही।" NSE के निफ्टी इंडेक्स ने इस दौरान 24,300 के स्तर को पार कर नई ऊंचाई छुआ। शेयर बाजार में इस तेजी के बीच फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स, म्यूचुअल फंड निवेशकों को सावधानी बरतने और जोखिम भरे सेक्टर्स में बड़ा निवेश करने से बचने की सलाह दे रहे हैं।

SIPs के साथ बने रहें

म्यूचुअल फंड में निवेश की रणनीति, किसी स्टॉक में सीधे निवेश करने से अलग होती है। आम तौर पर बाजार में आने वाले उतार-चढ़ाव के आधार पर मुनाफावसूली करने, नए निवेश को रोकने या स्टॉक में भारी निवेश करने का लक्ष्य नहीं बनाते हैं। जिन लॉन्ग-टर्म निवेशकों के पास अच्छी तरह से डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो हैं और जो SIP के जरिए लंबी अवधि के लिए मंथली निवेश करते हैं, उन्हें निवेश जारी रखना चाहिए।

गेनिंग ग्राउंड इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के फाउंडर रवि कुमार टी वी ने कहा, "ये निवेशक समझते हैं कि शॉर्ट-टर्म में उतार-चढ़ाव के बावजूद बाजार लंबी अवधि में ऊपर की ओर बढ़ते हैं। इंडेक्स को देखकर बार-बार रीबैलेंस करने से अधिक चिंता हो सकती है और यह लंबी अवधि में मिलने कंपाउंडिंग रिटर्न के असर को भी कम कर सकता है।"

उन्होंने कहा, "शेयर बाजार इस समय ऑलटाइम हाई पर है। ऐसे में बतौर निवेशक आप इसपर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं, यह आपके पर्सनल फाइनेंशियल गोल, जोखिम सहने की क्षमता और निवेश की अवधि आदि पर निर्भर करता है। निवेशकों को लॉन्ग टर्म तक शेयर को होल्ड करने की क्षमता को समझना चाहिए, और शेयर पर कोई भी एक्शन लेने से पहले अपने डिस्ट्रीब्यूटर्स या एडवाइजर्स से सलाह लेना चाहिए।"

कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च प्रमुख श्रीकांत चौहान ने बताया कि कोविड के समय चार साल पहले सेंसेक्स करीब 26,000 के स्तर पर था। उन्होंने कहा, "यह सपने जैसा लगता है लेकिन यह सच है। इससे यह भरोसा मिलता है कि शेयर मार्केट ने लंबे समय में अच्छा प्रदर्शन किया है, हमें निवेश करते समय और उसके बाद भी धैर्य और आत्मविश्वास की जरूरत है। हमारी सलाह है कि लंबी अवधि के लक्ष्य के साथ इक्विटी मार्केट में SIP के जरिए निवेश करना जारी रखें।"


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મ્યુચ્યુઅલ ફંડ્સમાં ન્યૂ ફંડ ઓફર (NFO) એ શું છે?

 




 મ્યુચ્યુઅલ ફંડ્સમાં ન્યૂ ફંડ ઓફર (NFO) એ શું છે?


મ્યુચ્યુઅલ ફંડ્સની દુનિયામાં, તમે NFO જેવો શબ્દ સાંભળ્યો હશે, જેનો અર્થ ન્યૂ ફંડ ઓફર થાય છે. કોઈ નવી કંપની બજારમાં નવી પ્રોડક્ટને લોંચ કરે તેના જેવું જ આમાં વિચારો. આ કિસ્સામાં, "પ્રોડક્ટ" એ મ્યુચ્યુઅલ ફંડ સ્કીમ જેવી હોય છે, અને NFOનો અર્થ નવી સ્કીમના ઓફર કરાયેલા યુનિટ્સથી થાય છે.   


“મ્યુચ્યુઅલ ફંડ્સમાં NFO એ શું છે?” એ સવાલનો જવાબ આપીએ તો સરળ ભાષામાં આપણે એવું કહી શકીએ કે, તે કોઈ પ્રવર્તમાન મ્યુચ્યુઅલ ફંડ અથવા નવા મ્યુચ્યુઅલ ફંડ દ્વારા લોંચ કરાયેલી કોઈ નવી મ્યુચ્યુઅલ ફંડ સ્કીમ છે. 


તમે જ્યારે NFOમાં રોકાણ કરો છો, ત્યારે તમે આવશ્યક રીતે તમારા નાણાં મ્યુચ્યુઅલ ફંડને પૂરા પાડો છો, અને ફંડ મેનેજર તે ફંડનો ઉપયોગ સ્કીમના દર્શાવાયેલા ઉદ્દેશો અનુસાર રોકાણો કરે છે.


NFOની અવધિ દરમિયાન, રોકાણકાર ઓફર પ્રાઈસ પર આ નવી સ્કીમના યુનિટ્સ ખરીદી શકે છે, જે મુખ્યત્વે ફિક્સ્ડ રકમ પર નિર્ધારિત કરાય છે (દા.ત. રૂ. 10 પ્રતિ યુનિટ). રોકાણકાર પાસેથી એકત્ર કરાયેલા નાણાંને ભેગા કરાય છે. NFOની અવધિ પૂર્ણ થયે, મ્યુચ્યુઅલ ફંડ આ ભેગી કરેલી રકમનું સ્કીમના ઉદ્દેશો અનુસાર વિવિધ નાણાકીય સાધનોમાં રોકાણ શરૂ કરે છે. આનાથી રોકાણકારોને શરૂથી જ સ્કીમની સફરનો હિસ્સો બનવાની અનુમતિ મળે છે. 


માની લો કે NFO સમયે તમે 1,00,000 રૂપિયાનું રોકાણ કરો છો ત્યારે રૂ.10 પ્રતિ યુનિટ પ્રમાણે 


1,00,000÷10 = 10,000 યુનિટ તમને મળે છે.


યુનિટ ની કિંમત વધે એ મુજબ તમને તમરા રોકાણ ની વેલ્યુ વધે છે.


NFO અવધિ દરમિયાન, કે જે મૂળભૂત રીતે 15-દિવસની સબસ્ક્રીપ્શન વિન્ડો રહે છે, તેમાં રોકાણકારો નિર્ધારિત ઓફર પ્રાઈસ પર (દા.ત. રૂ. 10 પ્રતિ યુનિટ) યુનિટની ખરીદી કરે છે. ફંડ મેનેજમેન્ટે પૂરી પાડેલી પસંદગીના આધારે, રોકાણકારો કોઈ લમ્પસમ રોકાણ અથવા સિસ્ટમેટિક ઈન્વેસ્ટમેન્ટ પ્લાનમાંથી (SIP) કોઈ એકની પસંદગી કરી શકે છે. 


NFO એ એવી તક છે કે જેમાં રોકાણકાર રોકાણની નવી સફર શરૂ કરી શકે છે, પરંતુ તે પહેલાં કાળજીપૂર્વક મૂલ્યાંકન કરવું એ જ ચાવી છે. 

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SBI MF

 Top SBI Mutual Fund, 5 वर्षों में मिला तगड़ा रिटर्न

जो निवेशक डायरेक्ट शेयर बाजार में अपना पैसा नहीं लगाना चाहते और इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश कर अप्रत्यक्ष रुप से High Return बनाना चाहते हैं वे इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं. Mutual Funds अनेकों कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश Invest करते हैं, ताकि अगर कोई कंपनी ख़राब परफॉर्म करें, तो अच्छी परफॉर्म करने वाली कंपनी उसकी भरपाई कर सके.

चूँकि हर तरह की जरुरतों के लिए बाजार में सैकड़ों म्यूचुअल फंड स्कीमें मौजूद है, इसमें मिलने वाली विविधता से आप अपने जोखिम को मिनिमम कर सकते हैं.

बाजार पूंजीकरण के हिसाब से SBI Mutual Fund देश की सबसे बड़ी संपत्ति प्रबंधन कंपनी है, एसबीआई फंड हॉउस के पास ढेर सारी योजनाएं हैं, जिसने निवेशकों को कमाल का एसआईपी रिटर्न दिया है.

यहाँ टॉप 5 एसबीआई म्यूचुअल फंड की जानकारी दी गयी है, साथ ही बताया गया है कि 5 साल की अवधि में प्रत्येक फंड में 10,000 रुपये से 20,000 रुपये की मासिक एसआईपी पर कितना रिटर्न मिला.

SBI PSU Mutual Fund

एसबीआई पीएसयू म्यूचुअल फंड ने 5 साल की अवधि में 41.50 फीसदी का एसआईपी रिटर्न दिया है, स्थापना के बाद से फंड का रिटर्न 13.36 फीसदी का रहा है, यह योजना कुल 3,071 करोड़ रुपये संपत्ति का प्रबंधन करती है.

इस योजना में कम से कम 500 रुपये से एसआईपी कर सकते हैं, एकमुश्त निवेश की मिनिमम राशि 5,000 रुपये है, बात करें इस फंड के बेंचमार्क की तो BSE PSU TRI के खिलाफ बेंचमार्क किया गया है.

यह फंड संपत्ति के कुल 89.91 फीसदी हिस्से का निवेश इक्विटी में करती है, जिसमे मुख्य रुप से भारतीय स्टेट बैंक, पॉवर ग्रिड कार्पोरेशन, एनटीपीसी लिमिटेड व कोल इण्डिया लिमिटेड शामिल है.

10,000 रुपये की मासिक एसआईपी से इस योजना ने 5 साल की अवधि में 16.37 लाख रुपया तैयार कर दिया, इस दौरान कुल निवेश 6 लाख रुपया रहा.

20,000 रुपये की मासिक एसआईपी से 5 साल की अवधि में 32.74 लाख रुपया तैयार हो गया, यहाँ कुल निवेश 12 लाख रुपया रहा.

SBI Infrastructure Fund Direct-Growth

इस सेक्टोरल फंड ने 5 साल की अवधि में 37.88 फीसदी सालाना एसआईपी रिटर्न दिया, स्थापना के बाद से इस फंड का रिटर्न 17.71 फीसदी सालाना रहा है, यह योजना कुल 3,088 करोड़ रुपये का प्रबंधन करती है.

इस योजना में कम से कम 500 रुपये से निवेश किया जा सकता है, एकमुश्त निवेश के लिए मिनिमम राशि 5,000 रुपये है, बात करें फंड के बेंचमार्क की तो Nifty इंस्फ्रास्ट्रक्चर टीआरआई है.

यह योजना 90.20 फीसदी संपत्ति का निवेश इक्विटी में करती है, पोर्टफोलियो में मुख्य स्टॉक रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड, भारतीय एयरटेल लार्सन एन्ड ट्यूब्रो, कार्बोरेंडम यूनिवर्सल लिमिटेड है.

10,000 रुपये की मासिक एसआईपी से 5 सालों में कुल 15.07 लाख रुपया तैयार हुआ, 20,000 रुपये की मासिक एसआईपी से 5 सालों में कुल 30.13 लाख रुपया तैयार हुआ.

SBI Contra Direct Plan-Growth

एसबीआई कॉन्ट्रा फंड ने 5 साल की अवधि में 36.65 फीसदी का सालाना रिटर्न दिया है, स्थापना के बाद से इस योजना ने 18.21 फीसदी का एसआईपी रिटर्न दिया है, कुल संपत्ति प्रबंधन साइज 30,520 करोड़ रुपया है.

इस योजना में कम से 500 रुपये से एसआईपी कर सकते हैं, न्यूनतम एकमुश्त एसआईपी निवेश की राशि 5,000 रुपये है, एसबीआई कॉन्ट्रा फंड को BSE 500 TRI के खिलाफ बेंचमार्क किया गया है.

योजना के पोर्टफोलियो में 94 शेयर शामिल है, जिसमे से प्रमुख स्टॉक निफ़्टी बैंक, एचडीएफसी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, गेल इण्डिया लिमिटेड आदि है.

10,000 रुपये की मासिक एसआईपी से 5 सालों में कुल 14.64 लाख रुपया तैयार हुआ, वहीं 20,000 रुपये की मासिक एसआईपी 5 सालों में बढ़कर 29.29 लाख रुपये हो गयी.

SBI Magnum Mid Cap Direct Plan-Growth

इस मिडकैप फंड योजना ने 5 साल की अवधि में 32.53 फीसदी का एसआईपी रिटर्न दिया है, स्थापना के बाद से इस योजना का रिटर्न 21.34 फीसदी रहा है, वर्तमान में फंड का एसेट अंडर मैनेजमेंट 18,399 करोड़ रुपये रहा है.

इस फंड में कम से कम 500 रुपये से एसआईपी कर सकते हैं, एकमुश्त निवेश के लिए मिनिमम राशि 5000 रुपये है, यह योजना 95.93 फीसदी निवेश इक्विटी में करती है जिसमे 70.12 फीसदी निवेश केवल मिड कैप स्टॉक में होता है.

पोर्टफोलियो में 74 स्टॉक मौजूद है, जिसमे टॉरेंट पॉवर, सेफलर इण्डिया, सुंदरम फाइनेंस लिमिटेड आदि प्रमुख है.

10,000 रुपये की मासिक एसआईपी को इस योजना ने 5 सालों में 13.30 लाख रुपया बना दिया, वहीं इसी अवधि में 20,000 रुपये की मासिक एसआईपी से 26.60 लाख रुपया तैयार हुआ.

Disclaimer : यह आर्टिकल रिसर्च और जानकारियों के आधार पर बनाया गया है, हमारे द्वारा किसी भी प्रकार की फाइनेंसियल एडवाइज नहीं दी जाती अगर आप निवेश करना चाहते हैं तब सबसे पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें


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Monday, June 10, 2024

NFO


 મ્યુચ્યુઅલ ફંડ્સમાં ન્યૂ ફંડ ઓફર (NFO) એ શું છે?

મ્યુચ્યુઅલ ફંડ્સની દુનિયામાં, તમે NFO જેવો શબ્દ સાંભળ્યો હશે, જેનો અર્થ ન્યૂ ફંડ ઓફર થાય છે. કોઈ નવી કંપની બજારમાં નવી પ્રોડક્ટને લોંચ કરે તેના જેવું જ આમાં વિચારો. આ કિસ્સામાં, "પ્રોડક્ટ" એ મ્યુચ્યુઅલ ફંડ સ્કીમ જેવી હોય છે, અને NFOનો અર્થ નવી સ્કીમના ઓફર કરાયેલા યુનિટ્સથી થાય છે.   

“મ્યુચ્યુઅલ ફંડ્સમાં NFO એ શું છે?” એ સવાલનો જવાબ આપીએ તો સરળ ભાષામાં આપણે એવું કહી શકીએ કે, તે કોઈ પ્રવર્તમાન મ્યુચ્યુઅલ ફંડ અથવા નવા મ્યુચ્યુઅલ ફંડ દ્વારા લોંચ કરાયેલી કોઈ નવી મ્યુચ્યુઅલ ફંડ સ્કીમ છે. 

તમે જ્યારે NFOમાં રોકાણ કરો છો, ત્યારે તમે આવશ્યક રીતે તમારા નાણાં મ્યુચ્યુઅલ ફંડને પૂરા પાડો છો, અને ફંડ મેનેજર તે ફંડનો ઉપયોગ સ્કીમના દર્શાવાયેલા ઉદ્દેશો અનુસાર રોકાણો કરે છે.

NFOની અવધિ દરમિયાન, રોકાણકાર ઓફર પ્રાઈસ પર આ નવી સ્કીમના યુનિટ્સ ખરીદી શકે છે, જે મુખ્યત્વે ફિક્સ્ડ રકમ પર નિર્ધારિત કરાય છે (દા.ત. રૂ. 10 પ્રતિ યુનિટ). રોકાણકાર પાસેથી એકત્ર કરાયેલા નાણાંને ભેગા કરાય છે. NFOની અવધિ પૂર્ણ થયે, મ્યુચ્યુઅલ ફંડ આ ભેગી કરેલી રકમનું સ્કીમના ઉદ્દેશો અનુસાર વિવિધ નાણાકીય સાધનોમાં રોકાણ શરૂ કરે છે. આનાથી રોકાણકારોને શરૂથી જ સ્કીમની સફરનો હિસ્સો બનવાની અનુમતિ મળે છે. 

માની લો કે NFO સમયે તમે 1,00,000 રૂપિયાનું રોકાણ કરો છો ત્યારે રૂ.10 પ્રતિ યુનિટ પ્રમાણે 

1,00,000÷10 = 10,000 યુનિટ તમને મળે છે.

યુનિટ ની કિંમત વધે એ મુજબ તમને તમરા રોકાણ ની વેલ્યુ વધે છે.

NFO અવધિ દરમિયાન, કે જે મૂળભૂત રીતે 15-દિવસની સબસ્ક્રીપ્શન વિન્ડો રહે છે, તેમાં રોકાણકારો નિર્ધારિત ઓફર પ્રાઈસ પર (દા.ત. રૂ. 10 પ્રતિ યુનિટ) યુનિટની ખરીદી કરે છે. ફંડ મેનેજમેન્ટે પૂરી પાડેલી પસંદગીના આધારે, રોકાણકારો કોઈ લમ્પસમ રોકાણ અથવા સિસ્ટમેટિક ઈન્વેસ્ટમેન્ટ પ્લાનમાંથી (SIP) કોઈ એકની પસંદગી કરી શકે છે. 

NFO એ એવી તક છે કે જેમાં રોકાણકાર રોકાણની નવી સફર શરૂ કરી શકે છે, પરંતુ તે પહેલાં કાળજીપૂર્વક મૂલ્યાંકન કરવું એ જ ચાવી છે. 

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किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले फंड का चयन बहुत महत्वपूर्ण है।

Sunday, June 9, 2024

Khwaish Investment

 Nippon India Fund 

 10,000 की SIP बनाया 13 करोड़ रुपये का रिटर्न, 

मौका न चुके

Nippon India Fund 

 अगर आप शेयर बाजार की अस्थिरता में बहुत ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड आपके लिए अच्छा विकल्प है। दिलचस्प बात यह है कि यहां आप हर महीने एक छोटी राशि का निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड SIP के माध्यम से निवेश की सुविधा प्रदान करते हैं। यह छोटा सा निवेश आपके लिए एक बहुत बड़ा फंड बना सकता है।

आप 10,000 रुपये के SIP से 13 करोड़ रुपये का फंड जुटा सकते हैं। आप विश्वास नहीं कर सकते हैं, लेकिन लंबे समय में यह संभव है। यह वास्तव में हुआ है। 4-स्टार रेटेड म्यूचुअल फंड ने 27 वर्षों में 10,000 रूपये के SIP को 13 करोड़ रुपये में बदल दिया है । अगर कोई व्यक्ति नौकरी की शुरुआत से ही यह एसआईपी करता है तो रिटायरमेंट से उसके पास काफी पैसा होता है।

निप्पॉन इंडिया फण्ड

निप्पॉन इंडिया फंड एक मिड-कैप फंड है जो मिड-कैप शेयरों में निवेश करता है। फंड बड़ी विकास कंपनियों में निवेश करता है जो लंबी अवधि में निवेशकों को उत्कृष्ट रिटर्न देने के लिए बड़ी कैप बनने की क्षमता रखते हैं।

इस फंड को मॉर्निंगस्टार से 3-स्टार रेटिंग और वैल्यू रिसर्च से 4-स्टार रेटिंग मिली है। यह फंड 8 अक्टूबर, 1995 को लॉन्च किया गया था। फंड ने सफलतापूर्वक 27 साल पूरे कर लिए हैं। फंड ने स्थापना के बाद से 22.29% का CAGR डिलीवर किया है.

निप्पॉन इंडिया फंड का प्रदर्शन

पिछले वर्ष, फंड ने 11.89% का वार्षिक SIP रिटर्न दिया. इस फंड ने पिछले तीन वर्षों में 27.53% का वार्षिक SIP रिटर्न दिया है, आपके 10,000 रुपये के मासिक SIP के साथ आपका कुल निवेश 3.60 लाख रुपये से बढ़कर 5.31 लाख रुपये हो जाएगी । इस फंड ने पिछले पांच वर्षों में 21.10% का वार्षिक SIP रिटर्न दिया है. इससे आपकी 10,000 रुपये की मासिक एसआईपी आपके कुल निवेश 6 लाख रुपये से बढ़कर 10.08 लाख रुपये हो जाएगी।

दस वर्षों में 17.37% वार्षिक रिटर्न

निप्पॉन इंडिया फंड ने पिछले दस वर्षों में 17.37% का वार्षिक SIP रिटर्न दिया है। 10,000 रुपये की मासिक एसआईपी के साथ, आपका कुल निवेश अब 12 लाख रुपये से बढ़कर 29.77 लाख रुपये हो जाएगा।

इसने पिछले 15 वर्षों में 15.71% का वार्षिक SIP रिटर्न दिया है. तो 10,000 रुपये के मासिक एसआईपी के साथ, आपका 18 लाख रुपये का निवेश बढ़कर 65.35 लाख रुपये हो जाएगा। इस फंड ने पिछले 20 वर्षों में 18.99% का वार्षिक SIP रिटर्न दिया है. तो 10,000 रुपये के मासिक एसआईपी के साथ, आपका 24 लाख रुपये का पूरा निवेश अब बढ़कर 2.17 करोड़ रुपये हो जाएगा।

25 वर्षों में 22.12% वार्षिक रिटर्न

इस फंड ने पिछले 25 वर्षों में 22.12% का वार्षिक SIP रिटर्न दिया है. तो 10,000 रुपये के मासिक एसआईपी के साथ, आपका वास्तविक निवेश 30 लाख रुपये से बढ़कर 8.87 करोड़ रुपये हो जाएगा। यदि आपने फंड की शुरुआत से प्रति माह 10,000 रुपये का SIP लिया होता, तो आपके पास कुल 32.40 लाख रुपये का निवेश 13.67 करोड़ रुपये होता।

इस अवधि के दौरान फंड ने 22.29% का वार्षिक रिटर्न दिया है. म्यूचुअल फंड ने 27 साल में 10,000 रूपये के एसआईपी को 13 करोड़ रुपये में बदल दिया है। अगर कोई व्यक्ति अपनी नौकरी की शुरुआत से ही यह SIP कर रहा है तो उसे रिटायरमेंट तक मोटी रकम मिलती।


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